22 अप्रैल को पहलगांव में जो लहू बहा, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। निहत्थे लोगों को धर्म पूछकर मारे जाने की बर्बरता ने भारत को गुस्से की आग में झोंक दिया। इसी बीच सोशल मीडिया में हत्याकांड में बची महिलाओं के बयान वायरल हो रहे थे कि आतंकियों ने उन्हें यह कहकर नहीं मारा कि “जाओ बता दो मोदी को” जवाब आया 6-7 मई की मध्य रात्रि को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में, जिसमें भारतीय सेना ने आतंक की जड़ों को निशाना बनाया। जिसके बाद अब सोशल मीडिया पर गूंज रहा है “बता दिया मोदी को”
• कश्मीर से कराची तक – सीधी चोट
भारतीय सेना ने बहावलपुर, मुरीदके, कोटली और मुजफ्फराबाद जैसे आतंकी अड्डों पर धावा बोला। SCALP और HAMMER जैसी सटीक मिसाइलों ने आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी। वायुसेना, RAW और NTRO की संयुक्त योजना से यह हमला अंजाम तक पहुंचा। सैन्य सूत्रों के अनुसार, तय लक्ष्य में से एक भी मिस नहीं हुआ।

• आतंकियों का सफाया – संदेश साफ है
करीब 90 आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश और लश्कर के ट्रेनर और ऑपरेशनल कमांडर शामिल हैं। अधिकांश शिविर उन क्षेत्रों में थे, जिन्हें पाक सरकार अब तक ‘मानवीय सहायता केंद्र’ कहती थी। पहलगांव हमले में शामिल तीन शीर्ष आतंकी भी मारे जाने की पुष्टि हुई है।
• ऑपरेशन सिंदूर – भावनाओं का भी जवाब
यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि शहीदों के परिवारों को न्याय दिलाने की एक सशक्त प्रतिज्ञा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम ही दर्शाता है कि यदि देश की बेटियों की मांग का सिंदूर उजाड़ने की कोशिश की जाती है, तो नया भारत दुश्मन को एक बार नहीं, दोबारा भी उसके घर में घुसकर जवाब देता है।







